ऊर्जा मंत्रालय ने उद्यमिता को बढ़ावा देने और क्षेत्र में स्टार्टअप कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक एक्सेलेरेटर लॉन्च किया है।

ऊर्जा मंत्री, रॉयल हाइनेस प्रिंस अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ और सूचना व संचार प्रौद्योगिकी मंत्री, इंजीनियर अब्दुल्लाह बिन आमिर अल-सवाहा की उपस्थिति में, ऊर्जा मंत्रालय ने "ताकत का एक्सेलेरेटर" नामक कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को आगे बढ़ाना, आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना, पर्यावरणीय स्थिरता को सुदृढ़ करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। यह कार्यक्रम ऐसे अग्रणी प्रोजेक्ट्स का समर्थन करेगा जो अर्थव्यवस्था में विविधता लाने, तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और स्थानीय सामग्री को सशक्त बनाने में योगदान देंगे। इस पहल को "अल-ग़राज" (Al Garage) के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम को ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों, कई विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों की भागीदारी से इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह एक उच्च प्रभाव वाली पहल बने। यह स्टार्टअप्स, उद्यमियों और सरकारी संस्थाओं के बीच रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करने के लिए एक समग्र सहायता मॉडल प्रदान करता है, जिसमें तकनीकी और व्यावसायिक मार्गदर्शन, निवेशकों से जुड़ाव, और निजी क्षेत्र की भागीदारी से ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार व विकास को बढ़ावा देना शामिल है।
यह एक्सेलेरेटर उन स्टार्टअप्स को समर्थन देगा जो ऊर्जा दक्षता और आर्थिक विकास में योगदान दे सकते हैं। इसमें ऊर्जा की लागत को कम करने वाले नवाचारों, वैश्विक ऊर्जा बाजार में अग्रणी बनने वाली कंपनियों, और ऊर्जा तकनीकों में सऊदी अरब की स्थिति को सुदृढ़ करने वाले प्रयासों को प्राथमिकता दी जाएगी।
एक्सेलेरेटर उन कंपनियों को भी सशक्त बनाएगा जो ऊर्जा क्षेत्र में लागत को घटाकर वित्तीय लाभ बढ़ाने, स्थानीय समाधान विकसित करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन कम करने, स्वच्छ ऊर्जा और हरित तकनीकों को अपनाने, और ऊर्जा अवसंरचना को मज़बूत बनाकर ऊर्जा सुरक्षा और आपूर्ति की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में योगदान देती हैं।
यह कार्यक्रम तीन वर्षों में तीन समूहों की 60 स्टार्टअप कंपनियों (हर समूह में 20) को समर्थन देने का लक्ष्य रखता है। इसे चार मुख्य चरणों में लागू किया जाएगा — खोज और चयन, एक्सेलेरेशन, पायलट प्रोजेक्ट्स का क्रियान्वयन, और निवेश के दौर — जिनकी अवधि 6 से 12 महीनों के बीच होगी।