मंत्रालय के बारे में
मंत्रालय के बारे में
ऊर्जा मंत्रालय सऊदी अरब में ऊर्जा सिस्टम क्षेत्रों की गतिविधियों और कार्य के सभी पहलुओं की देखरेख करता है, इस क्षेत्र के लिए एक इन्टेग्रेटेड रणनीति के माध्यम से,एक टिकाऊ और उच्च दक्षता दृष्टिकोण के साथ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के वर्धित मूल्य को अधिकतम करने पर आधारित है, जिसमें हाइड्रोकार्बन सामग्री रणनीति (तेल और गैस, रिफ़ाइंड उत्पाद, पेट्रोकेमिकल्स) और बिजली और रिनयुएबल ऊर्जा जैसे थर्मल सामग्री और पूरक ऊर्जा रणनीति शामिल हैं।
ऊर्जा मंत्रालय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार की अवधारणाओं, टेक्नॉलजी और आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स को अपनाने के आधार पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों पर काम कर रहा है, जिसमें शामिल हैं: हाइड्रोकार्बन की मांग को बनाए रखने का कार्यक्रम, तथा साम्राज्य को दुनिया में स्वच्छ हाइड्रोजन के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक बनाने की योजनाऐं, तथा हाइड्रोकार्बन स्रोतों से नीला हाइड्रोजन, नवीकरणीय स्रोतों से हरी हाइड्रोजन, इष्टतम ऊर्जा मिश्रण कार्यक्रमः बिजली उत्पादन का सबसे कुशल और सबसे कम खर्चीला कार्यक्रम, ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम, और सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन घटकों के स्थानीय निर्माण को सक्षम करने के कार्यक्रम।
मंत्रालय इन रणनीतियों को विकसित करने, उनके प्रदर्शन को मापने और विभिन्न नीतियों और रणनीतियों का अध्ययन करके निर्णय लेने वालों का समर्थन करने के अलावा, इन क्षेत्रों का समर्थन करने वाली नीतियों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार है।
ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पारित चरण
वर्ष (1355 हिजरी-1935 ईस्वी) में लोक निर्माण और खनिज विभाग की स्थापना की गई थी और यह उस समय वित्त मंत्रालय के तहत था। वर्ष (1372 हिजरी-1952 ईस्वी) में, पेट्रोलियम और खनिज मामलों के लिए सामान्य निदेशालय की स्थापना की गई थी और यह भी वित्त मंत्रालय के तहत था। वर्ष (1380 हिजरी-1960 ईस्वी) में निदेशालय को पेट्रोलियम और खनिज संसाधन मंत्रालय में बदल दिया गया, क्योंकि साम्राज्य की सरकार प्राकृतिक तेल, गैस और खनिजों में निवेश को व्यवस्थित करने की कोशिष कर रही थी, ताकी अधिक सामाजिक प्रगति और समृद्धि प्राप्त हो सके, जिस से पूर्व देश का आर्थिक सुधार और विकास हो गा।
तथा वर्ष (1437 हिजरी-2016 ईस्वी) में पेट्रोलियम और खनिज संसाधन मंत्रालय के नाम में संशोधन करने के लिए एक शाही आदेश जारी किया गया था। तब से वह ऊर्जा, उद्योग और खनिज संसाधन मंत्रालय बन गया। और वर्ष (1440 हिजरी-2019 ईस्वी) में जारी एक शाही आदेश के आधार पर, ऊर्जा, उद्योग और खनिज संसाधन मंत्रालय का नाम ऊर्जा मंत्रालय कर दिया गया